jai shree mahakal
उज्जैन का इतिहास
उज्जैन की प्रसिद्धि सदियों से एक पवित्र व धार्मिक नगर के रूप में रही है। लंबे समय तक यहाँ न्याय के राजा महाराजा विक्रमादित्य का शासन रहा। महाकवि कालिदास, बाणभट्ट आदि की कर्मस्थली भी यही नगर रहा। श्रीकृष्ण की शिक्षा भी यहीं हुई थी।
दैवज्ञ वराहमिहिर की जन्मभूमि, महर्षि सांदीपनि की तपोभूमि, भर्तृहरि की योगस्थली, हरीशचंद्र की मोक्षभूमि आदि के रूप में उज्जैन की प्रसिद्धि रही है। उज्जैन का वर्णन कई ग्रंथों व पुराणों जैसे शिव महापुराण, स्कंदपुराण आदि में हुआ है।
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