Thursday 27 November 2014

Jai shree mahakal

महामृत्युंजय जप


 jai shree mahakal
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महामृत्युंजय जप  हर परिस्थिति में नहीं किया जाता बल्कि विशेष रूप से आपदा का सामना करने पर ही भगवान शिव का यह जप किया जाना चाहिए। महामृत्युंजय जप निम्नलिखित परिस्थिति में ही ‍किया जाता है : 

1 - किसी महारोग से कोई पीड़ित होने पर। 

2 - जन्म-कुंडली में गोचर एवं दशा, महादशा, स्थुलदशा आदि में आकस्मिक विपदा का योग होने पर।

3 - जब भाई-भाई अलग हो रहे हो।


4 - गांव/शहर में हैजा-प्लेग या किसी महामारी से निवासी मर रहे हो। 

5 - राजभय होने पर। 

6 - लड़का-लड़की के गुण मिलाप में नाड़ी दोष या षडाष्टक दोष आने पर। 

7 - जब मन धर्म के विपरीत जा रहा हो तब भी महामृत्युंजय जप करने से लाभ मिलता है। 

8 - जब मनुष्यों में आपस में घोर क्लेश हो रहा हो। 

किस स्थिति में कितने जप : 

* किसी प्रकार का महारोग हो या दुस्वप्न आए तो सवा लाख जप कराना चाहिए। 

* यात्रा का भय हो तब एक हजार जप कराना चाहिए। 

* राज-प्राप्ति के लिए, मान-सम्मान व इष्ट सिद्धि के लिए सवा लाख जप कराना चाहिए।

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